ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह की दक्षिणी लेबनान में मज़बूत पैठ है. हिज़बुल्लाह के दो धड़े हैं- सैनिक और राजनीतिक.
इसराइल, पश्चिमी देश और ग़ल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल या खाड़ी सहयोग परिषद हिज़बुल्लाह को 'आतंकवादी संगठन' घोषित कर चुके हैं.
सात अक्तूबर 2023 को हमास ने इसराइल पर हमला किया था. जवाब में इसराइल ने ग़ज़ा में सैन्य कार्रवाई शुरू की थी.
इसके बाद से ही हिज़बुल्लाह ने इसराइल और लेबनान सीमा पर अपनी सैन्य गतिविधियां तेज़ की थीं.
27 जुलाई को गोलान पहाड़ी इलाके में एक फ़ुटबॉल मैदान पर हुए रॉकेट हमले में 12 बच्चे और युवा मारे गए थे.
इसके बाद अटकलें शुरू हुईं कि क्या निशाना चूकने की वजह से यह रॉकेट रिहायशी इलाके पर गिरे? दूसरा सवाल यह कि उन्हें किसने दागा था? आशंका जताई गई कि इसे ईरान की शह पर चलने वाले संगठन हिज़बुल्लाह ने दागा था. हालांकि हिज़बुल्लाह ने इसका खंडन किया.
एक सवाल बार बार उठ रहा है कि हिज़बुल्लाह क्या हासिल करना चाहता है? क्या उसके हमलों का मक़सद ग़ज़ा के फ़लस्तीनियों के प्रति समर्थन दिखाना है या वो मध्य पूर्व में इसराइली सेना के कई मोर्चों पर फँसे होने का फ़ायदा उठाना चाहता है?
इस सप्ताह दुनिया जहान में हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि हिज़बुल्लाह क्या चाहता है?
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